-पुस्तक जीवच्छ्रापद्वति(माहात्म्य एवं प्रयोगविधिसहित)
-लेखक पं. रामकृष्णजी शास्त्री
-प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 480
-मूल्य 60/-
हिन्दू धर्म (संस्कृत धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत ,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसके अलावा सूरीनाम,फिजि इत्यादि। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है।
यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है।
हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक देवता धर्म के तो दानव अधर्म के प्रतीक हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौराणिक मान्यताओं में देव-दानवों को एक ही पिता, किंतु अलग-अलग माताओं की संतान बताया गया है। इसके मुताबिक देव-दानवों के पिता ऋषि कश्यप हैं। वहीं, देवताओं की माता का नाम अदिति और दानवों की माता का नाम दिति है।
जितनी श्रद्धा बढेग़ी उतना हम ईश्वर के निकट पहुंचेंगे। यह मानव पर्याय तभी
सार्थक हो सकती है जब हम अपने दैनिक जीवन की चर्या में धर्म को स्थान
दें,और यदि यह उपक्रम हमने बचपन में आरंभ कर दिया तो फिर पचपन की उम्र में
हमें यह पछतावा नहीं होगा कि हम समय रहते धर्म को अपने जीवन में प्रवेश
नहीं करा सके।