-पुस्तक रामलला
-लेखक श्री हनुमानप्रसाद पोदार जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 34
-मूल्य 25/-
भगवान् श्रीराम का चरित्र अनन्त आदर्श गुणों का आगार तथा भारतीय संस्कृति
का प्राण है। चित्रकथा की इस पुस्तक में मनु-शतरूपा को वरदान, देवताओं की
प्रार्थना, श्रीरामावतार, सच्चिदानन्द के ज्योतिषी, दशरथ के भाग्य आदि
श्रीराम की सत्रह बाल-लीलाओं का अत्यन्त ही मनोहर चित्रण किया गया है।
प्रत्येक लीला के साथ उससे सम्बन्धित आकर्षक एवं बहुरंगे चित्र भी दिये गये
हैं।