-पुस्तक भक्त - चन्द्रिका
-लेखक हनुमानप्राद पोदार जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 78
-मूल्य 12/-
इस पुस्तक में सक्कुबाई, ज्योति पंता, विट्ठदासा, भक्त नारायणदास आदि जैसे कट्टर भक्तों की आध्यात्मिक भावनाओं से भरी कहानियाँ हैं। यह पुस्तक एक सच्चा उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे सर्वशक्तिमान ईश्वर अपने भक्तों के कहने पर अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए बाध्य हैं और एक व्रत लेते हैं। अपने भक्तों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए। यह पुस्तक निःस्वार्थ भक्ति का उत्तम प्रमाण है।
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