-पुस्तक महकते जीवन - फूल
-लेखक श्री रामचरण महेन्द्र जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 304
-मूल्य 40/-
आत्मनियन्त्रण एवं आत्मपरिष्कार के द्वारा स्वयं को पूर्ण विकसित फूल के
रूप में परिष्कृत कर के सज्जनता सद्व्यवहार की दिव्य सुगन्धि से जगत को
सुवासित कर देना सच्ची मानवता है। यह पुस्तक मनुष्य के जीवन का परिष्कार कर
के अनेक सद्गुणों से अलंकृत करने वाले डॉ. रामचरण महेन्द्र के अनेक
शोधपूर्ण विचारों का अनुपम संग्रह है।