-पुस्तक एक महात्मा का प्रसाद
-लेखक श्री हनुमानप्रसाद पोदार जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 256
-मूल्य 30/-
महात्माओं की महिमा अवर्णनीय है। उनका मुख्य कार्य संसार से अज्ञानान्धकार
नाश कर के विमल ज्ञान का प्रकाश करना है। महात्माओं का संसार में निवास
लोक-कल्याण के लिये ही होता है। प्रस्तुत पुस्तक ऐसे ही एक तत्त्वज्ञानी
महात्मा के संसार-सागर से उद्धार करनेवाले अमूल्य उपदेशों का संकलन है।
इसमें चित्तशुद्धि का उपाय, योग, बोध और प्रेम, गुणों के अभिमान से हानि,
सत्संग करने की रीति आदि विभिन्न 30 प्रकरणों में साधना के अमृत-उपदेशों का
सुन्दर संकलन है।
No comments:
Post a Comment