-पुस्तक गीता-प्रबोधनी (पॉकेट साईज)
-लेखक स्वामी रामसुखदास जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 560
-मूल्य 45/-
भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यवाणी से निःसृत सर्वशास्त्रमयी गीता की विश्वमान्य
महत्ता को दृष्टि में रखकर इस अमर संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य
से गीताप्रेस के आदि स्वामी रामसुखदास द्वारा प्रणीत गीता की एक दिव्य प्रबोधनी है। इसमे 2515 प्रश्न और उनके
उत्तर के रूप में प्रश्नोत्तर शैली में गीता के श्लेकों की विस्तृत
व्याख्या के साथ अनेक गूढ़ रहस्यों का सरल, सुबोध भाषा में सुन्दर
प्रतिपादन किया गया है। इसके स्वाध्याय से सामान्य-से-सामान्य व्यक्ति भी
गीता के रहस्यों को आसानी से हृदयंगम कर अपने जीवन को धन्य कर सकता है।
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