25 Sept 2021

मामेकं शरणम ब्रज

 

 

-पुस्तक                मामेकं शरणम ब्रज

-लेखक                श्री राजेंद्र कुमार धवन

-प्रकाशक            गीता गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या              108

-मूल्य                     20/-

 

गीता अध्याय-18 श्लोक-

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच: ।।66।।


सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्य कर्मों को मुझमें त्याग कर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान, सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा। मैं तुझे सम्पूर्ण पापों से मुक्त कर दूँगा, तू शोक मत कर ।
यह पुस्तक स्वामी रामसुखदासजी   के  प्रवचनोंं का अनुपम संग्रह हैं।
 

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