1 Sept 2021

समता अमृत और विषमता विष

 


-पुस्तक          समता अमृत और विषमता विष

-लेखक           श्री जयदयाल गोयन्दका जी 

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या       222

-मूल्य               20/-

 

 

अलग-अलग सात भागों तथा विभिन्न शीर्षकों की तेरह पुस्तकों में पूर्व प्रकाशित सरल एवं व्यावहारिक शिक्षाप्रद लेखों के इस ग्रन्थाकार संकलन में गीता-रामायण आदि ग्रन्थों के सार तत्त्वों का संग्रह है। इसके अध्ययन से साधन-सम्बन्धी सभी जिज्ञासाओं का सहज ही समाधान हो जाता है। यह प्रत्येक घर में अवश्य रखने एवं उपहार में देने योग्य एक कल्याणकारी ग्रन्थ है।  

इसमें वाल्मीकीय रामायण के अनुसार श्रीराम,श्रीभरत आदि के जीवन-चरित्र तथा स्त्री-शिक्षा और गो-सेवा विषयक लेख भी दिये गये है ...

 

 

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