-पुस्तक सत्संग वाटिका के बिखरे सुमन
-लेखक श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार
-प्रकाशक गीता गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 160
-मूल्य 30/-
प्रस्तुत संग्रह में प्रसिद्ध संत भाई जी श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार के
समय-समय पर सत्संग में बोले हुए एवं परमार्थ पथ के पथीकों की समस्याओं के
समाधान किए हुए वाक्यों का संग्रह है| यह सारी सामग्री उनके जीवनकाल में ही
कल्याण के विभिन्न अंगों में प्रकाशित ना हो गई थी|
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