28 Sept 2021

ईश्वर अंश जीव अबिनाशी


 

-पुस्तक                ईश्वर अंश जीव अबिनाशी

-लेखक                श्री राजेन्द्र कुमार धवन

-प्रकाशक            गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या              176

-मूल्य                      30/-

 

 

यह पुस्तक स्वामी श्री रामुसुखदास जी महाराज केे प्रवचनो का  संकलन है, जो गीताप्रस से प्रकाशित हुई है। इसमें 

 सुनहु तात यह अकथ कहानी। समुझत बनइ न जाइ बखानी॥ 

 ईस्वर अंस जीव अबिनासी। चेतन अमल सहज सुख रासी॥1॥

 भावार्थ- हे तात! यह अकथनीय कहानी (वार्ता) सुनिए। यह समझते ही बनती है, कही नहीं जा सकती। जीव ईश्वर का अंश है। (अतएव) वह अविनाशी, चेतन, निर्मल और स्वभाव से ही सुख की राशि है॥1॥

 इसमें परमात्माप्रिया के कई बोधगम्य उपायों को सरल भाषा में अत्यंत संवेदनशील व्याख्या दी गई है। यह पाठ प्रत्येक देश, संस्कृति, भाषा और संप्रदाय के साधकों के लिए उपयोगी और मार्गदर्शक सामग्री के साथ है

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