-पुस्तक ईशावास्योपनिषद्
-लेखक ............
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 46
-मूल्य 8/-
ईशोपनिषद् शुक्ल यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह उपनिषद् अपने नन्हें कलेवर के कारण अन्य उपनिषदों के बीच बेहद महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। इसमें कोई कथा-कहानी नहीं है केवल आत्म वर्णन है।
उपनिषदों में ईशावास्योपनिषद् का सर्वप्रथम स्थान है। यह शुक्ल यजुःसंहिता के ज्ञानकाण्ड का चालीसवाँ अध्याय है। कलेवर में छोटी होते हुए भी यह तत्त्वज्ञान का अक्षयकोश है। सानुवाद, शांकरभाष्य।
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