-पुस्तक श्री राधारससुधानिधि
-लेखक श्री जीव गोस्वामी जी
-प्रकाशक श्री हरिनाम संकीर्तन प्रेस वृंदावन
-पृष्ठसंख्या 96
-मूल्य 30/-
"यह श्री वृंदावन धाम में बहने वाली प्रियालाल की दुर्लभ लीलाओं के रूप में शाश्वत आनंदमय और मधुर प्रेम को संदर्भित करता है। यह स्थान श्री हित धाम के रूप में प्रसिद्ध है, जहाँ पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी लाडली जू की महिमा गाते हैं"
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