25 Aug 2021

आदर्श नारी सुशीला

 

-पुस्तक           आदर्श नारी सुशीला

-लेखक           श्री जयदयाल गोयन्दका जी 

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या       48

-मूल्य               7/-

 

 

भारतवर्ष की इस पावन भूमि पर असंख्य पुरूषों के समान असंख्य स्त्रियों ने भी जन्म लिया है। उनका नेक चरित्र, संस्कृति, उत्कृष्ट आदर्श, शुद्धता, भक्ति अभ्यास के योग्य हैं और हमेशा आशीर्वाद के लिए अनुकूल हैं। इन महान महिलाओं ने अपनी उत्कृष्ट नैतिकता और आदर्श चरित्रों से दुनिया को आलोकित किया है। वहीं दूसरी ओर यदि ऐसी महिलाओं से कोई घृणा करता है तो विपदा स्वाभाविक है। चरित्र ओह 'सुशीला' इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए ज्वलंत उदाहरण है।

सरल भाषा में लिखी गई कहानी ज्ञान, भक्ति, समर्पण, प्रेम, नैतिक और आध्यात्मिक आचरण सिखाती है और प्रदान करती है और इसके अलावा ईश्वर में विश्वास जगाती है।

महान पाठकों से हमारा विनम्र अनुरोध है कि वे भी पढ़ें और नैतिकता को भी आत्मसात करें।

 

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