-पुस्तक प्रेमयोग का तत्व
-लेखक श्री जयदयाल गोयन्दका जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 150
-मूल्य 30/-
इन लेखों में प्रेम के वास्तविक
स्वरूप और उसकी प्राप्ति के विविध साधनों का वर्णन तो है ही, साथ ही
श्रद्धा और प्रेम, प्रेम और शरणागति, प्रेम और समता, भगवत्प्रेम और
भगवत्-सुहृदताका तत्त्व भी भलीभाँति समझाया गया है।
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