-पुस्तक संत - समागम
-लेखक स्वामीश्री रामसुखदास जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 114
-मूल्य 12/-
प्रस्तुत पुस्तक संत समागम से प्राप्त होने वाले प्रभाव व उनसे मिलने वाले गुण को प्रदर्शित करते हुए पढ़ने वालों के लिए उपयोगी सिद्ध होती है।
यह पुस्तक जीवनमुक्त मनीषी ब्रह्मलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दकाद्वारा प्रवचनके रूपमें प्रस्तुत अनेक लौकिक तथा पारलौकिक विषयोंपर सरल और सुबोध भाषामें शास्त्रानुभूत विचारोंका दुर्लभ संकलन है।