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2 Sept 2021

आत्ममोद्धार के सरल उपाय

 

 

-पुस्तक           आत्ममोद्धार के सरल उपाय

-लेखक           श्री जयदयाल गोयन्दका जी 

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या        224

-मूल्य                22/-

 

  

आत्मोद्धार का सबसे सरल तथा सहज उपाय यह है कि मन को जगत के साथ साथ जगदीश में भी जोड़िए। मन को केवल जगदीश में जोड़ना संभव नही है। उसी प्रकार से जगदीश में यदि संबंध जोड़ लेते हैं तो सही मायने में हमें जगत का संबंध पास कर लेगा। जगत का व्यवहार हमें पास कर देगा।

इसलिए जगत की व्यवस्था में  रहें लेकिन जगदीश से संबध जोड़ कर  रहें। कहीं किसी कारण से जाने अनजाने में बुरी आदत जो हो  उसको त्यागिए। हर पल, हर क्षण उसके जीवन का कार्य हमारा भजन बन जाएगा। श्रीमद्भागवत महापुराण में बताया गया है बंधन और मोक्ष का कारण मन है। यदि जगदीश में फंसा हुआ है तो मोक्ष है। यदि मन कहीं जगत में फंसा हुआ है तो बंधन है। मोक्ष का सरल और सहज साधन मन है। मन को अपने आप में दुनिया से समेट लिए तो ठीक है। यदि मन को दुनिया में लगा दिए तो कहीं न कहीं उलझन में फंसना जरूरी है।  सत्य ही नारायण हैं और नारायण ही सत्य हैं।