-पुस्तक सुखी होने के उपाय
-लेखक श्री हनुमानप्रसाद पोददार जी
-प्रकाशक गीतावाटिका गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 154
-मूल्य 25/-
श्री भाईजी की स्थिति बहुत कम लोग ही जान सके लेकिन उनके जीवन और कार्य को
देखकर अगणित लोग आकर्षित हुए और अपने लोकाचार और साधना के सम्बन्ध में
मार्गदर्शन चाहते| ऐसे ही लोगों के आग्रह पर श्री भाईजी को अपना कुछ अमूल्य
समय प्रतिदिन इस कार्य के लिए देना पड़ता| धीरे-धीरे यह प्रवचन, सत्संग का
कार्यक्रम बन गया | ये प्रवचन अतिशय मार्मिक और हृदयस्पर्शी है जिनमें गूढ़
तत्वों की सरलतम व्याख्या है जिन्हें कोई सच्चा जिज्ञासु हृदयगम कर ले तो
उसका जीवन निश्चित रूप से परिवर्तित हो जायेगा|