-पुस्तक श्री भीष्मपिामह
-लेखक स्वामी अखण्डानन्द सरस्वती
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 157
-मूल्य 20/-
भीष्म अथवा भीष्म पितामह महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में से एक थे। भीष्म महाराजा शान्तनु के पुत्र थे महाराज शांतनु की पटरानी और नदी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे | उनका मूल नाम देवव्रत था। भीष्म में अपने पिता शान्तनु का सत्यवती से विवाह करवाने के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने की भीषण प्रतिज्ञा
की थी | अपने पिता के लिए इस तरह की पितृभक्ति देख उनके पिता ने उन्हें
इच्छा मृत्यु का वरदान दे दिया था | इनके दूसरे नाम गाँगेय, शांतनव, नदीज,
तालकेतु आदि हैं।