-पुस्तक सहज गीता
-लेखक स्वामी श्री रामसुखदास जी
-प्रकाशक गीता गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 190
-मूल्य 40/-
सरल-से-सरल शैली में गीतोक्त जीवन-कला के संवाहक श्रद्धेय स्वामी श्री रामसुखदास जी द्वारा प्रणीत इस ग्रंथरत्न के स्वाध्याय से अनेक भावुक भक्त गीता रूपी दर्पण के द्वारा आत्मपरिष्कार कर चुके हैं। इसमें गीता को सुबोध रूप में प्रश्नोत्तर शैली में प्रस्तुत किया गया है तथा गीता को विभिन्न दृष्टियों से विचार की कसौटी पर कसते हुए प्रधान-प्रधान विषयों को विशद व्याख्या से समलंकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें गीता-व्याकरण एवं छन्द-सम्बंधी ज्ञान से भी परिचित कराया गया है।