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6 Oct 2021

श्री विदग्धमाधव नाटक

 


-पुस्तक                श्री विदग्धमाधव नाटक

-लेखक                श्री रूप गोस्वामी जी

-प्रकाशक            श्री हरिनाम संकीर्तन प्रेस वृंदावन

-पृष्ठसंख्या             160

-मूल्य                    120/-
 
 
 
विदग्ध माधव – नाटक का मुख्य विषय है – राधा कृष्ण का समिलन| ललिता और विश्खा श्री राधा की दूती रूप में श्री कृष्ण से राधा का प्रेम निवेदन करती है| श्री कृष्ण भीतर से प्रसन्न होते हुए भी बाहर से राधा के प्रति उपेक्षा का भाव प्रदर्शित करते हैं| राधा व्यथित हो कृष्ण विरह में प्राण त्यागने की इच्छा करती है| राधा की दशा देखकर विशाखा रोने लगती है| राधा कहती है वृथा रोदन मत करो| मैं मर जाऊं तो तमाल वृक्ष की शाखा से मेरी भुजाओं को बाँध दो जिससे (कृष्ण के सामान काले रंग वाले) तमाल की देह को आलिंगन कर मेरा देह चिरकाल तक वृन्दावन में अवस्थान करे|