-पुस्तक परलोक और पुनर्जन्म
-लेखक श्री जयदयाल गोयंदका जी
-प्रकाशक श्री गीता प्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 62
-मूल्य 5/-
मनुष्यमात्र को पतनकारी आसुरी सम्पदा के दोषों से सदा दूर रहने तथा परम
विशुद्ध उज्ज्वल चरित्र होकर सर्वदा सत्कर्म करते रहने की शुभ प्रेरणा के
साथ इस में परलोक तथा पुनर्जन्म के रहस्यों और सिद्धान्तों पर विस्तृत
प्रकाश डाला गया है। आत्मकल्याणकामी पुरुषों तथा साधकमात्र के लिये इसका
अध्ययन-अनुशीलन अति उपयोगी है।