-पुस्तक माधुर्य कादम्बिनी
-लेखक श्री विश्वनाथ ठाकुर जी
-प्रकाशक गौड़ीय वेदांत प्रकाशन वृंदावन
-पृष्ठसंख्या 336
-मूल्य 100/-
गौड़ीय वैष्णव परंपरा के श्रद्धेय शिक्षक श्रील विश्वनाथ चक्रवर्तीपाद, श्राद्ध से प्रेमा तक भक्ति का संपूर्ण विज्ञान बताते हैं! बहुत चतुर और कभी-कभी चंचल तरीके से, वह प्रेमा की अपनी यात्रा में साधक के सभी सवालों के जवाब देता है। उन्होंने रास्ते में आने वाले सभी संकटों और उनसे बचने के उपाय का विस्तार से वर्णन किया है। तब वे हमें भक्ति के उच्च चरणों में मौजूद परमानंद की एक झलक देते हैं जब भक्त का मन मधुमक्खी की तरह रस के अद्भुत राज्य में प्रवेश करता है! यह पुस्तक, जो प्रगतिशील भक्ति के सभी पथों के लिए आवश्यक है,