-पुस्तक क्या आप ईश्वर को मानते हो
-लेखक श्री राजेंद्र कुमार धवन जी
-प्रकाशक श्री गीता प्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 40
-मूल्य 5/-
वेद के अनुसार व्यक्ति के भीतर पुरुष ईश्वर ही है। परमेश्वर एक ही है। वैदिक और पाश्चात्य मतों में परमेश्वर की अवधारणा में यह गहरा अन्तर है कि वेद के अनुसार ईश्वर भीतर और परे दोनों है जबकि पाश्चात्य धर्मों के अनुसार ईश्वर केवल परे है। ईश्वर परब्रह्म का सगुण रूप है।