-पुस्तक श्रीदुर्गासप्तशती
-लेखक पं. श्रीरामनारायण शास्त्री जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 320
-मूल्य 60/-
दुर्गासप्तशती
हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर
इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का
श्रद्धापूर्वक पाठ करके कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त
करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक,
वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ,
दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य,
क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती
दी गयी है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है
दुर्गा सप्तशती जिसे देवी महात्म्य और चंडी पथ के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जो राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का वर्णन करता है। यह ऋषि मार्कंडेय द्वारा लिखित मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है