-पुस्तक ध्यान और मानसिक पूजा
-लेखक श्री जयदयाल गोयंदका जी
-प्रकाशक श्री गीता प्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 64
-मूल्य 4/-
साकार और निराकार दोनों ही की उपासनाओं में ध्यान सबसे आवश्यक और महत्त्वपूर्ण साधन है। श्रीभगवान् ने गीता में ध्यान
की बड़ी महिमा गायी है। जहाँ कहीं उनका उच्चतम उपदेश है, वहीं उन्होंने मन
को अपने में (भगवान में) प्रवेश करा देने के लिये अर्जुन के प्रति आज्ञा
की है।
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