2 Sept 2021

आत्मकल्याण के विविध उपाय

 

-पुस्तक           आत्मकल्याण  के विविध उपाय

-लेखक            स्वामी श्री रामसुखदास जी 

-प्रकाशक        गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या        128

-मूल्य               12/-

 

 

निःस्वार्थ सेवा की महिमा, पवित्र संगति की प्रकृति और रूप, इन्द्रिय-भोग का स्वरूप और स्वरूप आदि विभिन्न विषयों के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार के आसान साधनों की उत्कृष्ट व्याख्या है।

आत्म कल्याण या आत्मशान्ति की कामना करते हुए हम यहां जिन-जिन उपायों की चर्चा करना चाहते हैं, वह हमारे लिए नए नहीं हैं क्योंकि प्राचीनकाल से ही हमारे ऋषि-मुनियों, संतों, पीर-फकीरों और समाज सुधारकों ने अपने-अपने प्रयासों व अनुभवों से देश, काल और पात्र देख कर उनका कई बार प्रचार एवं प्रसार किया है। यह उसी कड़ी को आगे बढ़ाने का एक छोटा सा प्रयास है।

 

 

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