-पुस्तक सरस-प्रसंग
-लेखक श्री हनुमानप्रसाद पोददार
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 156
-मूल्य 20/-
परम श्रद्धेय ‘भाईजी’ पूज्य श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार की अपनी एक विशिष्ट
शैली थी कि वे कठिन विषयों को सरल सुबोश भाषा में व्यक्त करते थे| वे
दृष्टांतों के द्वारा गूढ़ शास्त्र-वचनों को भी लोगों को हृदयंगम करा देते
थे| ये सभी प्रसंग भाईजी के प्रवचनों और लेखों से संकलित किये गए है जो
प्रत्येक कल्याणकारी आबाल वृद्ध नर-नारी के लिये प्रेरक तथा पथ प्रदर्शक
होंगे|
No comments:
Post a Comment