17 Sept 2021

गरुणपुराण-सारोद्धार सानुवाद

 


-पुस्तक            गरुणपुराण-सारोद्धार सानुवाद

-लेखक            राधे श्याम खेमका जी

-प्रकाशक        गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या        272

-मूल्य               45/-

 

 

यह ग्रन्थ अत्यन्त पवित्र तथा पुण्यदायक है। श्राद्ध और प्रेतकार्य के अवसरों पर विशेषरूप से इसके श्रवणका विधान है। इस ग्रन्थ में मूल संस्कृत श्लोकों के साथ उनका सरल हिन्दी-अनुवाद दिया गया है। यह कर्मकाण्डी ब्राह्मणों एवं सर्व सामान्य के लिये भी अत्यन्त उपयोगी तथा प्रामाणिक ग्रन्थ है।

वास्तव में गरुणपुराण-सारोद्धार की समस्त कथाओं और उपदेशों का सार यह है कि हमें आसक्ति का त्यागकर वैराग्य की ओर प्रवृत्त होना चाहिये तथा सांसारिक बंधनों से मुक्त होने के लिये एकमात्र परमात्मा की शरण में जाना चाहिये।

 

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