13 Sept 2021

भजनामृत

 


-पुस्तक           भजनामृत

-लेखक           ..............

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या       94

-मूल्य               12/-

 

 

 

भक्त अंतःकरण से अपने इष्ट की उपासना में एवं उनके अलंकारिक छटा के वर्णन में, उनके ऐश्वर्यशाली स्वरूप की अर्चना तथा अपने दैत्य-समर्पण में भावात्मक गीतों का उद्गार ही भजन कहलाता है, जो ताल और लय के साथ मन को एकाग्र कर प्रभु के श्रीचरणों में निवेदित होकर आत्म-निवेदन बन जाता है। इस पुस्तक में साधकों के मन को प्रभु-लीला में तन्मयता के उद्देश्य से  भक्त सन्तों के भजनों का संकलन किया गया है।

 

No comments: