23 Sept 2021

प्रेम के अंकुर

 

-पुस्तक               प्रेम के अंकुर

-लेखक               श्री हनुमानप्रसादजी पोद्दार

-प्रकाशक           गीतावाटिका गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या            155

-मूल्य                    30/-

 

 

भाई जी के श्री मुख से नि:सृत वाणी को लिपिबद्ध करने का प्रयास भगवत्कृपा से किया है| इसमें सदाचार, ज्ञान, वैराग्य, भक्ति और प्रेम के उज्जवलतम स्वरुप का वर्णन बड़े ही सरल, सरस और बोधगम्य भाषा में हुआ है| हमें आशा  और पूर्ण विश्वास है कि इसका अध्ययन-मनन लौकिक लाभदायी तो होगा ही साथ ही पारलौकिक पथ पर अग्रसर लोगों का पथ-प्रदर्शन अवश्य होगा|

 

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