-पुस्तक मेरा अनुभव
-लेखक श्री जयदयाल गोयन्दका जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 176
-मूल्य 17/-
पुस्तक मेरा अनुभव-श्री जयदयाल गोयंदका-गोरखपुर गीता प्रेस-वृंदावन रसिक वाणी बहुत ही उत्कृष्ट/कीमती पुस्तक जो व्यवस्थित रूप से लिखी गई है। ज्ञान की एक बहुत ही अनोखी और व्यावहारिक व्यवस्था। एक व्यापक गाइड जो एक होना चाहिए। प्रत्येक इच्छुक और ईमानदार साधकों के लिए यह पुस्तक बहुत व्यापक रूप देती है। लेखन सघन है। यह पुस्तक अच्छी तरह से सोची-समझी, लिखित और विषय-वस्तु की समझ के साथ विकसित की गई है। इतनी अंतर्दृष्टिपूर्ण पुस्तक! अवश्य पढ़ें।
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