-पुस्तक बालकों की बोलचाल
-लेखक ..........
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 32
-मूल्य 5/-
जैसा कि पुस्तक के नाम से स्पष्ट है, इसमें बालकों को दैनिक व्यवहार की शिक्षा दी गयी है। बच्चे अपने माता–पिता को देखकर ही सब कुछ सीखते है जैसे आदतें, तौर–तरीके, बोलचाल इत्यादि। । बच्चों के लिए उनके माता–पिता हमेशा उनके उदहारण होते हैं, कभी–कभी मुसीबत पड़ने पर वो उनके द्वारा बताए गए मार्गदर्शन का पालन भी करते हैं, और बच्चों को छोटी उम्र से ही यह आदत पड़ जाती है।जैसे–जैसे बच्चे बढ़ते हैं, वह अपने माता–पिता के व्यवहार और कार्यों का अनुकरण करते हैं, बच्चों के लिए उनके माता–पिता आदर्श होते हैं। उनकी बुद्धिमत्ता और आदतें भी बच्चों में जाती है हैं।इसलिए, बच्चों को अच्छी और बुरी आदतों के बीच का अंतर समझाना और अच्छी आदतों को अपनाने के लिए कहना जरूरी होता है।
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