-पुस्तक विवाह संस्कार पद्धति
-लेखक ..........
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 93
-मूल्य 15/-
हिन्दू धर्म में विवाह युवक-युवतियों को तब दिया जाता है, जब शारीरिक, मानसिक परिपक्वता परिवार निर्माण की जिम्मेदारी लेने में सक्षम हो जाती है। भारतीय संस्कृति के अनुसार, विवाह केवल शारीरिक या सामाजिक समझौते नहीं हैं, यहाँ जोड़े को एक श्रेष्ठ आध्यात्मिक साधना का रूप दिया गया है। इसलिए कहा जाता है 'धन्य गृह-भवन:'
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