-पुस्तक नवदुर्गा
-लेखक ..........
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 18
-मूल्य 20/-
सृष्टि की आदि शक्ति भगवती दुर्गा की धर्मशास्त्रों में अतुलनीय महिमा
बतलायी गयी है। नवरात्र के नौ दिनों में इनके नौ स्वरूपों की उपासना की
जाती है। इस पुस्तक में भगवती दुर्गा के नवों स्वरूपों के उद्भव, विकास,
उपासना तथा उपासना से प्राप्त होनेवाले फलों का अत्यन्त सुन्दर वर्णन किया
गया है। पुस्तक में आर्ट पेपर पर माँ दुर्गा के नवों स्वरूपों के आकर्षक
तथा रंगीन चित्र भी दिये गये हैं।
इस पुस्तक में भगवती दुर्गा के नवों स्वरूपों के ध्यान, परिचय के साथ उनके उपासना योग्य बहुरंगे चित्र दिये गये हैं। यह पुस्तक यात्रादि में साथ रखने एवं उपहार देने की दृष्टि से विशेष उपयोगी है।
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