18 Sept 2021

सती सुकला

 


-पुस्तक            सती सुकला

-लेखक            श्री रामनाथ सुमन

-प्रकाशक        गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या        48

-मूल्य               7/-

 

 

भारतवर्ष सतियों और पतिव्रताओं पुण्यभूमि है। यहाँ महान् पतिव्रताएँ हो गयी हैं; उन्हींमेंसे सती सुकला एक हैं। पतिकी अनुपस्थितिमें इनकी बड़ी कड़ी-कड़ी परीक्षाएँ हुईं, परंतु ये अपने पातिव्रत्यके बलसे सभीमें सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हो गयीं।

इस इतिहाससे एक शिक्षा यह मिलती है कि पुरुष यदि पतिव्रता पत्नीका परित्याग करके किसी धर्म-कार्यमें प्रवृत्त होता है तो उसे सफलता नहीं मिलती। देवता नाराज होते हैं, पितरोंकी दुर्गति होती है । अतएव पलीको साथ लेकर ही तीर्थयात्रादि धर्म-कार्य करने चाहिये।

इस छोटी-सी पुस्तिकासे हमारे भाई-बहिन लाभ उठावें, यही निवेदन है।

 

 

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