31 Aug 2021

साधना-पथ

 


-पुस्तक           साधना-पथ

-लेखक           श्री जयदयाल गोयन्दका जी 

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या       128

-मूल्य              12/-

 

 

साधना और उपासना के विविध जिज्ञासा व् मुमुक्षा, जीवन सृजन, जीवन शिक्षा, प्रायोगिक धर्म साधना के बहु आयामों एवम् तंत्रागम की गहराइयों और ज्ञान के विराट अंतरिक्ष की सीमाओं को शब्दों में, प्रतीकों में, और मुद्राओं में व्यक्त करने का सफल - असफल प्रयास मात्र है
साधना के जो अभीप्सु हैं
  स्वम् की अग्रि परीक्षा से घर, समाज, निति, और वासनाओं की मुक्ति के लिए चित्त की भूमि तैयार कर रहे हैं   आत्म को पाने की चेष्ठा का मूल्य जो समर्पण कर रहे हैं उन्हें क्षण भर मनोवैज्ञानिक से आत्म वैक्तित्त्व को दर्पण में निहारने का आमंत्रण मात्र है यह प्रयास !

आपकी जिज्ञासा और उत्सुकता को जो साधना के जीवन रहस्य जानना चाहते है ? साधना पथ जो मिट्टी के दिए पथ प्रदीप बन अंतर्यात्रा की शांति खोज में शून्य और शब्द की नाव गहरे पानी में पैठ कर मानव जन्म दिशा क्रांति की संभावनाएं खोज रहे हैं
   

जिसे भगवत्प्रेमी पाठकोंके सेवामें समर्पित करते हुए हम हार्दिक प्रसन्नताका अनुभव कर रहे हैं। 

 

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