Showing posts with label lal kitab.brij ke saint. bedvyashji. shrigarg-sahinta. jaydayal goyandka. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg. Gorakhpur gitapress. Show all posts
Showing posts with label lal kitab.brij ke saint. bedvyashji. shrigarg-sahinta. jaydayal goyandka. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg. Gorakhpur gitapress. Show all posts

21 Aug 2021

लाल किताब

 


-पुस्तक          लाल किताब

-लेखक          एस. के. झा सुमन

-प्रकाशक      भारत प्रेस वाराणसी

-पृष्ठसंख्या      488

-मूल्य             /-

 

 

ज्योतिष के इस महाग्रन्थ को पंडित रूपचंद जोशी द्वारा वर्ष १९३९ से १९५२ के दौरान पांच भागों में लिखी गई थी। उन्होंने लाल किताब में हस्त रेखाओं, सामुद्रिक शास्त्र, मकान की हालत और जन्मकुंडली के ग्रहों को मिला कर भविष्य कथन और ग्रहों के दोष निवारण के लिए उपाय बताये हैं। यह पुस्तक मूलतः उर्दू में लिखी गयी थी।

माना गया है कि ये किताब ज्योतिष का एक ग्रंथ है, जोकि ज्योति विद्या के मौलिक सिद्धांतों पर आधारित है। जिसके अंदर इंसान को जीवन से जुड़ी तमाम परेशानियों से निपटने के उपाय मिलते है। परेशानी कैसे भी हो सकती है, पर ये काली किताब आपको उससे मुक्ति का मार्ग दिखती है। 

 

मूलरूप से अरबी और फारसी में प्राप्त इस पुस्तक को शब्दांतरित करते समय भारतीय फलित ज्योतिष में प्रयुक्त शब्दावली का प्रयोग किया गया हैं। प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न ग्राहों के अलग-अलग प्रभावों के साथ ही उनके दुष्प्रभावों के निराकरण के उपाय भी दिए गए हैं। हाथ की रेखाओं को देखकर जन्मकुंडली बनाना और व्यक्ति के भविष्य की गुत्थियों को खोलना इस लाल किताब की सबसे प्रमुख विशेषता हैं।कुछ लोगों पर अचानक कोई संकट आ जाता है तो कुछ लोग सालों से संकटों का सामना कर रहे हैं। मान जाता है कि संकटों का कारण पितृदोष, कालसर्प दोष, शनि की साढ़े साती और ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव होते हैं। 

कुछ लोग मानते हैं कि सभी कुछ अच्छा है लेकिन यदि आपका घर दक्षिण मुखी है तो आप जिंदगी भर परेशान रहेंगे।यह भी माना जाता है कि उपरोक्त कारणों के कारण व्यक्ति के घर में गृह कलह, आर्थिक संकट, वैवाहिक संकट और दुख बना रहता है। इसी कारण व्यक्ति को कोर्ट कचहरी या दवाखाने के चक्कर काटते रहना पड़ते हैं या अन्य किसी प्रकार का संकट खड़ा होता है। हालांकि कुछ विद्वान यह भी कहते हैं कि सब कर्मों का लेखा जोखा है अर्थात कर्म सुधार लो तो सब कुछ सुधरने लगता है। अब हम आपके कर्म तो सुधार नहीं सकते, लेकिन यहां लाल किताब के अनुसार कुछ सावधानी और उपाय जरूर बता सकते हैं।