Showing posts with label hindu dharmaek. parmarthik patra. goyandka. brijdham. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti. gitapress gorakhpur.. Show all posts
Showing posts with label hindu dharmaek. parmarthik patra. goyandka. brijdham. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti. gitapress gorakhpur.. Show all posts

3 Sept 2021

पारमार्थिक पत्र

 

 

 -पुस्तक           पारमार्थिक पत्र

-लेखक           श्री जयदयाल गोयन्दका जी 

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या        190

-मूल्य               12/-

 

 

गीताप्रेसके संस्थापक परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दकाके एक ही लगन थी कि मानवमात्र इस भवसागरसे कैसे पार हो! मनुष्य जन्मता है, बड़ा होता है, सन्तान उत्पन्न करता है, मर जाता है । इस प्रकार पशुवत् जीवन बिताकर अन्य योनियोंमें चला जाता है । जीवनकालमें चिन्ता, शोक और दुःखोंसे घिरा रहता है । मनुष्यशरीर पाकर भी यदि चिन्ता और शोकमें डूबा रहा तो उसने मनुष्यशरीरका दुरुपयोग ही किया । 

95 पत्रों का संकलन मनुष्य को अपने जीवन को सार्थक बनाने और दूसरों की निस्वार्थ सेवा के मार्ग पर चलने के लिए सक्षम बनाता है।

और प्रस्तुत है साधना पर पूछे गये प्रश्न तथा उनके उत्तर