-पुस्तक दुःख क्यों होते हैं
-लेखक श्री हनुमानप्रसाद पोदार जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 256
-मूल्य 25/-
संसार के पाप-ताप से सन्तप्त मानव-मन को अपने उत्कृष्ट वैचारिक फुहार से शान्ति प्रदान करनेवाले- तत्त्व-विचार, भजन-साधन-सम्बन्धी अनेक जिज्ञासाओं की तृप्ति करनेवाले श्री भाई जी हनुमानप्रसाद पोद्दार के पत्रोंका संकलन।
असल में सच्चा सकाम भक्त किसी वस्तु या स्थिति को तो चाहता है; परंतु उसका अपने भगवान में दृढ़ विश्वास होता है और वह उस वस्तु की उपेक्षा अपने भगवान को अधिक मूल्यवान् और आवश्यक समझता है।