Showing posts with label hindu dharma.sagar ke moti. jaydyal goyandka. brijdham. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg.gitapress Gorakhpur. Show all posts
Showing posts with label hindu dharma.sagar ke moti. jaydyal goyandka. brijdham. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg.gitapress Gorakhpur. Show all posts

26 Aug 2021

सागर के मोती

 


-पुस्तक           सागर के मोती

-लेखक           स्वामीश्री रामसुखदास जी 

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या       158

-मूल्य               17/-

 

 

स्वामी रामसुखदास का जन्म राजस्थान के नागोेर जिले के ग्राम माडपुरा में रूघाराम पिडवा के यहाँ सन् 1904 में हुआ। उनकी माता कुनणाँबाई के सहोदर भ्राता सदारामजी रामस्नेही सम्प्रदाय के साधु थे।

४ वर्ष की आयु में ही माताजी ने राम सुखदास को इनके चरणो में भेट कर दिया। किसी समय स्वामी कन्हीराम गाँवचाडी ने आजीवन शिष्य बनाने के लिए आपको मांग लिया। शिक्षा दीक्षा के पश्चात वे सम्प्रदाय का मोह छोडकर विरक्त (संन्यासी) हो गये और उन्होंने गीता के मर्म को साक्षात् किया और अपने प्रवचनो से निरन्तर अमृत वर्षा करने लगे।

इस पुस्तक में स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज के सत्संग  तथा  प्रवचनों का एक अनुपम संग्रह है।