Showing posts with label hindu dharma. sab jag ishwarrup hai. jaydyal goyandka. brijdham. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg.gitapress Gorakhpur. Show all posts
Showing posts with label hindu dharma. sab jag ishwarrup hai. jaydyal goyandka. brijdham. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg.gitapress Gorakhpur. Show all posts

25 Aug 2021

सब जग ईश्वररूप है

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  -पुस्तक           सब जग ईश्वररूप है

 -लेखक           स्वामीश्री रामसुखदास जी 

-प्रकाशक        गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या        81

-मूल्य               10/-

 

 

परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का सृष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में ईश्वर को भगवान, या परमात्मा भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना व्रह्माण्ड की संरचना करने वाले से जुड़ी हुई है। संस्कृत की ईश् धातु का अर्थ है- नियंत्रित करना और इस पर वरच् प्रत्यय लगाकर यह शब्द बना है। इस प्रकार मूल रूप में यह शब्द नियंता के रूप में प्रयुक्त हुआ है। इसी धातु से समानार्थी शब्द ईश व ईशिता बने हैं।

ईश्वर सर्वव्यापी है, मानो तो संसार मे हर जगह,कण-कण में ईश्वर है। ईश्वर एक विश्वास है , आशा है, मन है ,शांति भी है ।