Showing posts with label dharmaek book. shri vilap kusumaanjali. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti. gitapress gorakhpur.. Show all posts
Showing posts with label dharmaek book. shri vilap kusumaanjali. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti. gitapress gorakhpur.. Show all posts

7 Oct 2021

श्री विलाप कुशुमांजलि

  

-पुस्तक                श्री विलाप कुशुमांजलि

-लेखक                श्री रघुनाथ दास गोस्वामी जी

-प्रकाशक             श्री हरिनाम संकीर्तन प्रेस वृंदावन

-पृष्ठसंख्या             200

-मूल्य                    125/-
 
 
 
विलाप कुसुमांजलि को श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य श्री रघुनाथ दास गोस्वामी ने लिखा है।
हे देवि श्रीराधिके ! मैं दुःखसमूहरूप दुष्पार सागर में निराश्रय अवस्था में अति दुर्गति को प्राप्त कर रही हूँ। आप अपनी कृपारूप दृढ़ नौका में चढ़ाकर अपने अद्भुत चरणकमल-भवन में मुझे ले जाइये।
 
हे श्रीसरोवर सदा त्वयि सा मदीशा प्रष्ठेन सार्द्धमिह खेलति कामरंगैः । 
त्वञ्चेत प्रियात् प्रियमतीव तयोरितीमां हा दर्शयाय कृपया मम जीवितं ताम् ।। 
  
हे श्रीराधाकुण्ड मेरी स्वामिनी श्रीराधा जी अपने प्रियतम श्रीश्यामसुन्दर के साथ आपके तटवर्ती कुञ्ज में प्रेमोद्रेक में विविध क्रीड़ाएं करती रहती हैं। हे राधाकुण्ड ! आप उन युगलकिशोर के प्रिय से भी अधिक प्रियतम हैं। अतएव कृपा करके मेरी जीवनस्वरूपा स्वामिनी श्रीराधा के आज ही दर्शन करा दो ।