-पुस्तक श्री राधाकृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र
-लेखक .........
-प्रकाशक श्री खंडेलवाल एंड संस वृंदावन
-पृष्ठसंख्या 32
कहा जाता है कि राधारानी को प्रसन्न करने के लिए महादेव ने स्वयं ये स्तोत्र माता पार्वती को सुनाया था. इस स्तोत्र में राधारानी के श्रृंगार, रूप और करूणा का वर्णन किया गया है. कहा जाता है कि श्रद्धा के साथ यदि इस स्तोत्र का पाठ किया जाए तो ये सभी सांसारिक इच्छाओं को पूरा कर सकता है. अष्टमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा तिथि पर इस स्तोत्र को पढ़ना बेहद मंगलकारी माना गया है. इसके अलावा ये स्तोत्र कलयुग में भी राधारानी और श्रीकृष्ण के दर्शन कराने वाला माना जाता है. मान्यता है कि यदि गोवर्धन परिक्रमा के दौरान पड़ने वाले राधा कुंड में खड़े होकर इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से 100 बार किया जाए तो स्वयं राधाकृष्ण अपने भक्त को दर्शन देते हैं. इस स्तोत्र की शुरुआत हमेशा श्रीराधे बोलकर करनी चाहिए.