-पुस्तक श्री भक्तिरसा-मृत-सिंधु-बिन्दु
-लेखक श्री श्री विश्वनाथ चक्रवर्ती जी
-प्रकाशक श्री हरिनाम संकीर्तन प्रेस वृंदावन
-पृष्ठसंख्या 128
-मूल्य 60/-
भक्ति-रसामृत-सिंधु-बिंदु (भक्ति के अमृत सागर से एक बूंद), श्रील रूप गोस्वामी द्वारा भक्ति-रसामृत-सिंधु में प्रस्तुत आवश्यक विषयों का एक संक्षिप्त सारांश है। यह उत्तम-भक्ति की प्रकृति, साधना-भक्ति, प्रेम के विकास के चरणों, भजन के अंगों, भक्ति सेवा के प्रदर्शन में किए गए अपराध, पवित्र नाम के खिलाफ अपराध, वैधि- और रागानुग-साधना-भक्ति का वर्णन करता है। भव-भक्ति और प्रेम-भक्ति । इस पुस्तक का अध्ययन करने वाले वफादार व्यक्ति श्री चैतन्य महाप्रभु के प्रेमा के धन में प्रवेश करने की योग्यता प्राप्त करेंगे।