-पुस्तक है नाथ! मैं आपको भूलुं नहीं
-लेखक श्री राजेंद्र कुमार धवन जी
-प्रकाशक श्री गीता प्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 80
-मूल्य 10/-
हे नाथ मैं आपको भूलु नहीं: सब भाई-बहन सावधान होकर भगवान के चिंतन में लग जाए। हरदम भगवान से कहते हैं, 'हे नाथ मैं आपलो भूलु नहीं', भगवान की स्मृति संपूर्ण विपट्टियों का नास करने वाली है। ये अंधेरे में लालटैन की तरह प्रकाश करने वाली है, सहारा देने वाली है। इस्के शिवाय संसार में कोई सहारा नहीं। भगवान के स्मरण मातृ से मनुश्य संसार बंधन से छुट जाता है