Showing posts with label .bedvyashji. shrigarg-s. jaydayal goyandka. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg. Gorakhpur gitapress shri ank.bhagavaccharcha.. Show all posts
Showing posts with label .bedvyashji. shrigarg-s. jaydayal goyandka. swami ramsukh dash ji.Spiritual books. Bhakti marg. Gorakhpur gitapress shri ank.bhagavaccharcha.. Show all posts

22 Aug 2021

भगवच्चर्चा (छः भाग)

 




-पुस्तक         भगवच्चर्चा (छः खण्ड)

-लेखक         हनुमानप्रसाद पोदार जी

-प्रकाशक      गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या      734

-मूल्य             170/-

 

 


आज गीताप्रेस गोरखपुर का नाम किसी भी भारतीय के लिए अनजाना नहीं है। सनातन हिंदू संस्कृति में आस्था रखने वाला दुनिया में शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जो गीता प्रेस गोरखपुर के नाम से परिचित नहीं होगा। इस देश में और दुनिया के हर कोने में रामायण, गीता, वेद, पुराण और उपनिषद से लेकर प्राचीन भारत के ऋषियों -मुनियों की कथाओं को पहुँचाने का एक मात्र श्रेय गीता प्रेस गोरखपुर के आदि-सम्पादक भाईजी श्रीहनुमान प्रसाद पोद्दार को है। प्रचार-प्रसार से दूर रहकर एक अकिंचन सेवक और निष्काम कर्मयोगी की तरह भाईजी ने हिंदू संस्कृति की मान्यताओं को घर-घर तक पहुँचाने में जो योगदान दिया है, इतिहास में उसकी मिसाल मिलना ही मुश्किल है।

ये गीता प्रेस गोरखपुर से श्री हनुमान प्रसादजी पोद्दार द्वारा लिखित और संपादित प्रमुख पुस्तक हैं।

यह सुन्दर चयन भगवच्चर्चा के नामसे जनताकी सेवामें प्रस्तुत किया जा रहा है।