-पुस्तक श्री दुर्गाचालीसा
-लेखक श्री..
-प्रकाशक श्री गीता प्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 32
-मूल्य 5/-
मां दुर्गाजी के नौ रूप हैं। मां दुर्गा इस सृष्टि की आद्य शक्ति हैं यानी आदि शक्ति हैं। पितामह ब्रह्माजी, भगवान विष्णु और भगवान शंकरजी उन्हीं की शक्ति से सृष्टि की उत्पत्ति, पालन-पोषण और संहार करते हैं। अन्य देवता भी उन्हीं की शक्ति से शक्तिमान होकर सारे कार्य करते हैं।
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