-पुस्तक श्री कृष्ण की स्तुतियां
-लेखक श्री श्यामदास जी
-प्रकाशक श्री हरिनाम संकीर्तन प्रेस वृंदावन
-पृष्ठसंख्या 369
इस कृष्ण स्तुति से मिलेगी द्वारिकाधीश की अपार कृपा और होगा हर कष्ट का निवारण द्वापरयुग में जिस तरह विष्णु अवतार भगवान कृष्ण ने सारथी के रूप में अर्जुन का साथ दिया था. माना जाता है ठीक उसी तरह वह किसी न किसी रूप में अपने भक्तों माना जाता है कि भगवान स्तुति-वंदना करने से जल्दी प्रसन्न होते हैं।
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पूजा के अंत में भगवान से पूजा में
हुई किसी भी प्रकार त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थना और आरती की जाती है।
लेकिन देवताओं की पूजा से पहले उनकी स्तुति की जाती है। जन्माष्टमी के पावन
पर्व पर भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्स के दौरान सबसे पहले स्तुति की
जाएगी इसके साथ ही अभिषेक, पूजा और आरती का क्रम चलता है। यहां पढ़ें भगवान
श्रीकृष्ण की स्तुति
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