-पुस्तक गोपाल
-लेखक श्री हनुमानप्रसाद पोदार जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 18
-मूल्य 15/-
ज्ञान की एक बहुत ही अनोखी और व्यावहारिक व्यवस्था। एक व्यापक मार्गदर्शक जो एक होना चाहिए। प्रत्येक इच्छुक और ईमानदार साधकों के लिए यह पुस्तक बहुत व्यापक रूप देती है। लेखन सघन है। यह पुस्तक अच्छी तरह से सोची-समझी, लिखित और विषय-वस्तु की समझ के साथ विकसित की गई है। इतनी अंतर्दृष्टिपूर्ण पुस्तक! अवश्य पढ़ें
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