13 Sept 2021

रुद्राष्टाध्यायी

 


-पुस्तक           रुद्राष्टाध्यायी

-लेखक           ..........

-प्रकाशक       गीताप्रेस गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या        224

-मूल्य               35/-

 

 

रुद्राष्टाध्यायी  इसे शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी भी कहते हैं। रुद्राष्टाध्यायी दो शब्द रुद्र अर्थात् शिव और अष्टाध्यायी अर्थात् आठ अध्यायों वाला, इन आठ अध्यायों में शिव समाए हैं। वैसे तो रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय हैं परंतु आठ तक को ही मुख्य माना जाता है।

भगवान शिव की उपासना में शुक्ल यजुर्वेद के आठ अध्यायों का वैदिक पाठ रुद्रास्टाध्यायी अत्यन्त प्रचलित है। इस पुस्तक में वेद मन्त्रों का सस्वर पाठ प्रकाशित है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।

 

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